आयुर्वेदिक नुस्खे: उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के उपाय उच्च रक्तचाप, जिसे हाइपरटेंशन (Hypertension) भी कहा जाता है, आजकल की व्यस्त जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खानपान के कारण एक सामान्य समस्या बन गई है। उच्च रक्तचाप शरीर में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है और इसे नजरअंदाज करने पर हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय सुझाए गए हैं, जो लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकते हैं। 5 Home Made Drinks जिनसे घुटनों का दर्द होगा जड़ से ठीक💪 1. त्रिफला का सेवन त्रिफला, आयुर्वेद की एक अत्यंत प्राचीन औषधि है जो तीन फलों - आंवला, बिभीतक, और हरितकी से मिलकर बनी होती है। इसका नियमित सेवन शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। इसके लिए आप रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें। 2. अश्वगंधा का उपयोग अश्वगंधा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है। यह हृदय की धड़कन को सामान्
साफ़ और उबला हुआ पानी पिएं: WellHealth Ayurvedic Health Tips के अनुसार स्वास्थ्य लाभ और आवश्यक सुझाव हमारे दैनिक जीवन में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारा शरीर 70% पानी से बना है, और शरीर की सभी प्रक्रियाओं के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हालाँकि, सिर्फ पानी पीना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वह पानी साफ़ और सुरक्षित हो। WellHealth Ayurvedic Health Tips के अनुसार, उबला हुआ पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि साफ़ और उबला हुआ पानी पीने के क्या फायदे हैं और इसे अपने दैनिक जीवन में कैसे शामिल किया जा सकता है। साफ़ और उबला हुआ पानी क्यों पीना चाहिए? हमारे आसपास के पर्यावरण में बहुत सी हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्म जीव होते हैं जो पानी को दूषित कर सकते हैं। जब हम बिना उबाला हुआ पानी पीते हैं, तो यह हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है, जैसे कि पेट में संक्रमण, दस्त, और उल्टी। इसलिए, आयुर्वेद में उबले हुए पानी को पीने की सलाह दी जाती है। WellHealth Ayurvedic Health Tips चिकित