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आयुर्वेदिक उपचार: सर्दी और फ्लू से बचने के घरेलू उपाय

 सर्दी और फ्लू के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे हमें बार-बार सर्दी-खांसी और बुखार का सामना करना पड़ता है। आधुनिक चिकित्सा में सर्दी और फ्लू के इलाज के लिए कई दवाएं हैं, लेकिन ये केवल लक्षणों से राहत देती हैं, जबकि आयुर्वेद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर इन बीमारियों से बचाने में मदद करता है। इस लेख में हम सर्दी और फ्लू से बचने के कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे। आयुर्वेदिक उपाय: पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के तरीके 1. अदरक और शहद का सेवन अदरक और शहद का मिश्रण सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में बेहद असरदार होता है। अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं, वहीं शहद में मौजूद प्राकृतिक एंजाइम इम्युनिटी को मजबूत करते हैं। उपयोग का तरीका: अदरक के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज सुबह खाली पेट लें। इससे सर्दी-खांसी में आराम मिलेगा और गले की खराश भी ठीक होगी। 2. तुलसी और गिलोय का काढ़ा तुलसी और गिलोय दोनों ही आयुर्वेद में विशेष महत्व रखते हैं। तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो...

Health Tips for Immunity Boost - इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स

 आयुर्वेद का परिचय: आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा के संतुलन के माध्यम से स्वास्थ्य को बनाए रखना है। इसका शाब्दिक अर्थ है "जीवन का ज्ञान" (आयु = जीवन, वेद = ज्ञान)। यह 5000 साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रखने पर जोर दिया जाता है। आयुर्वेद मानता है कि शरीर के अंदर की बीमारियों का इलाज प्रकृति में ही छिपा है।

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Health Tips for Immunity Boost - इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स

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इम्युनिटी क्या है और इसका महत्त्व: इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता वह शक्ति है, जो हमारे शरीर को बाहरी संक्रमणों, बैक्टीरिया, वायरस और बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है। एक मजबूत इम्युनिटी न केवल संक्रमणों से बचाती है, बल्कि शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखती है। आज के समय में बढ़ते प्रदूषण, बदलती जीवनशैली और तनाव के कारण इम्युनिटी का कमजोर होना आम हो गया है, जिसके चलते बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के उपायों की भूमिका: आयुर्वेद में इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए कई प्राकृतिक और सरल उपायों का उल्लेख किया गया है। यह मानता है कि शरीर में ‘ओजस’ (शारीरिक ऊर्जा और मानसिक स्थिरता) का संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इम्युनिटी का स्रोत है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ, जैसे तुलसी, आंवला, गिलोय, और हल्दी, इम्युनिटी को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाती हैं। इसके अलावा, योग, ध्यान और एक संतुलित आहार का पालन भी इम्युनिटी को मजबूत करने में सहायक होता है।

1. परिचय (Introduction)

आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर आधारित है। आज की बदलती जीवनशैली में, इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, इम्युनिटी को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाया जा सकता है, जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। यह लेख आपको बताएगा कि कैसे आयुर्वेदिक उपायों से आप अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।


2आयुर्वेद में इम्युनिटी का महत्त्व

1. आयुर्वेद के अनुसार इम्युनिटी कैसे काम करती है: आयुर्वेद के अनुसार, इम्युनिटी शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली है जो बाहरी आक्रमणकारियों जैसे बैक्टीरिया, वायरस, और विषाणुओं से लड़ने में मदद करती है। इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता कहा जाता है, जो व्यक्ति को विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार होती है। आयुर्वेद में इसे शरीर की "विकार विरोधक क्षमता" के रूप में देखा जाता है। आयुर्वेद मानता है कि जब शरीर का संतुलन सही होता है और सभी अंग सही ढंग से कार्य करते हैं, तब इम्युनिटी भी सशक्त होती है। स्वस्थ आहार, जीवनशैली, योग, और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ इस प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


2. ‘ओजस’ और इम्युनिटी का संबंध: आयुर्वेद में इम्युनिटी को मुख्य रूप से ‘ओजस’ के रूप में जाना जाता है। ओजस वह ऊर्जा है जो शरीर को शक्ति, स्थिरता, और मानसिक संतुलन प्रदान करती है। यह शरीर की सबसे शुद्ध और सघन ऊर्जा होती है, जो शरीर में विभिन्न प्रकार की रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाती है। ओजस का सीधा संबंध इम्युनिटी से है। जब शरीर में ओजस की मात्रा पर्याप्त होती है, तो व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होता है, और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। ओजस को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय जैसे आंवला, अश्वगंधा, और गिलोय का सेवन अत्यधिक लाभकारी माना गया है।


3. शरीर में दोष (वात, पित्त, कफ) और इम्युनिटी का
 संतुलन: आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में तीन प्रमुख दोष होते हैं: वात, पित्त, और कफ। ये दोष शरीर की सभी शारीरिक और मानसिक गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। यदि इन दोषों का संतुलन बिगड़ता है, तो इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और व्यक्ति बीमारियों का शिकार हो सकता है।


  • वात दोष: जब वात दोष असंतुलित होता है, तो यह शारीरिक और मानसिक कमजोरी पैदा कर सकता है, जिससे शरीर की इम्युनिटी पर बुरा असर पड़ता है।

  • पित्त दोष: पित्त दोष के असंतुलन से शरीर में सूजन और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो इम्युनिटी को कमजोर करती हैं।

  • कफ दोष: कफ दोष का असंतुलन शरीर में बलगम बढ़ा सकता है, जिससे सर्दी, खांसी, और अन्य श्वसन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो इम्युनिटी को कमजोर करती हैं।

आयुर्वेद में वात, पित्त, और कफ का संतुलन बनाए रखने के लिए सही आहार, जीवनशैली, और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का सेवन आवश्यक माना गया है। जब ये दोष संतुलित रहते हैं, तो शरीर की इम्युनिटी स्वाभाविक रूप से मजबूत होती है और व्यक्ति रोगों से बचा रहता है।


इम्युनिटी बढ़ाने के प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय

1. तुलसी (Holy Basil)

लाभ:

तुलसी को 'क्वीन ऑफ हर्ब्स' कहा जाता है और यह आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर को संक्रमण से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। तुलसी इम्युनिटी को बढ़ाती है और श्वसन तंत्र को मजबूत करती है। यह सर्दी, खांसी, और अन्य श्वसन समस्याओं से बचाव करने में मदद करती है। तुलसी मानसिक तनाव को कम करती है और पूरे शरीर को शांति प्रदान करती है।


सेवन की विधि:

  • रोज़ सुबह खाली पेट तुलसी के 5-7 ताजे पत्ते चबाएं।
  • तुलसी की चाय बनाएं: 2-3 तुलसी के पत्तों को एक कप पानी में उबालें और उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
  • तुलसी का काढ़ा बनाकर दिन में एक बार सेवन करें।


2. आंवला (Indian Gooseberry)

लाभ:

आंवला विटामिन सी का प्रमुख स्रोत है, जो इम्युनिटी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। आंवला शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और त्वचा, बाल और आंखों के लिए भी लाभकारी है। यह शरीर की संपूर्ण स्वच्छता को बनाए रखता है और पाचन तंत्र को भी सुधारता है।


सेवन की विधि:

  • आंवले का रस रोज सुबह खाली पेट पिएं।
  • आंवले का मुरब्बा या चूर्ण का नियमित सेवन करें।
  • आंवले को सलाद या जूस में शामिल करें।

3. अश्वगंधा (Ashwagandha)

लाभ:

अश्वगंधा एक शक्तिशाली जड़ी-बूटी है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की थकान को दूर करने में सहायक है। यह इम्युनिटी को मजबूत करने के साथ ही शरीर को तनाव और चिंता से मुक्त रखती है। अश्वगंधा के सेवन से शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ती है, जिससे यह रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। यह शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से संतुलित बनाए रखने में मददगार होती है।


सेवन की विधि:

  • अश्वगंधा का चूर्ण या कैप्सूल दिन में एक बार सेवन करें।
  • दूध के साथ अश्वगंधा पाउडर मिलाकर रात को सोने से पहले पिएं।
  • अश्वगंधा को काढ़े के रूप में भी लिया जा सकता है।

4. हल्दी (Turmeric)
लाभ:
हल्दी में ‘कर्क्यूमिन’ नामक एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की इम्युनिटी को प्राकृतिक रूप से बढ़ाते हैं। यह शरीर में सूजन को कम करती है और संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। हल्दी का नियमित सेवन शरीर के अंदरूनी अंगों की सफाई करता है और शरीर को रोगमुक्त बनाए रखता है। यह विशेष रूप से त्वचा, लीवर और श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद है।

सेवन की विधि:

  • एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर रात में सोने से पहले पिएं।
  • हल्दी का सेवन खाना पकाने के दौरान मसाले के रूप में करें।
  • कच्ची हल्दी का रस या काढ़ा पिएं।

5. गिलोय (Guduchi)

लाभ:

गिलोय आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने वाली सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक मानी जाती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। गिलोय का सेवन श्वसन तंत्र को मजबूत करता है और सर्दी, खांसी, और बुखार जैसी बीमारियों से बचाव करता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो शरीर को विषाणुओं और जीवाणुओं से सुरक्षित रखते हैं।


सेवन की विधि:

  • गिलोय का काढ़ा दिन में एक बार सेवन करें।
  • गिलोय का रस या कैप्सूल रोज़ाना लें।
  • गिलोय की ताजी पत्तियों का रस निकालकर पानी में मिलाकर पिएं।

आहार और दिनचर्या से इम्युनिटी बढ़ाएं

1. संतुलित आहार (Balanced Diet):

सही पोषण का महत्त्व और आहार में बदलाव:

इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए सही पोषण का बहुत बड़ा योगदान होता है। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर को स्वस्थ रखने और रोगों से बचाने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार आवश्यक है। ऐसा आहार जो शरीर के तीन दोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित रखता है, इम्युनिटी को मजबूत करता है।


  • आहार में ताजे फल, हरी सब्जियाँ, दालें, नट्स और अनाज को शामिल करें।
  • आंवला, तुलसी, हल्दी, और गिलोय जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ भोजन में शामिल करें।
  • तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड से बचें, क्योंकि ये इम्युनिटी को कमजोर करते हैं।
  • मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करें, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को स्वाभाविक रूप से बढ़ाते हैं।

आहार में बदलाव:

  • भोजन करते समय ध्यान रखें कि आपके आहार में सभी आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट हों।
  • सुबह का नाश्ता हल्का और पौष्टिक होना चाहिए, जैसे दलिया, फल या योगर्ट।
  • दोपहर और रात का भोजन संतुलित होना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर की पर्याप्त मात्रा हो।


2. योग और ध्यान (Yoga and Meditation):

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योगासन:

योग और ध्यान का इम्युनिटी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान है। योग न केवल शरीर को शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि यह मानसिक तनाव को भी दूर करता है, जो इम्युनिटी को कमजोर करने वाले प्रमुख कारणों में से एक है।


  • प्राणायाम: प्राणायाम जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम श्वसन तंत्र को मजबूत करते हैं और शरीर को ताजगी प्रदान करते हैं।
  • सूर्य नमस्कार: यह एक संपूर्ण योगासन है, जो शरीर को लचीला बनाता है और इम्युनिटी को बढ़ाता है।
  • योगासन: ताड़ासन, भुजंगासन, वृक्षासन और शिशुआसन शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखते हैं और इम्युनिटी को सशक्त बनाते हैं।
  • ध्यान (Meditation): रोजाना कम से कम 10-15 मिनट ध्यान करने से मानसिक शांति मिलती है, तनाव कम होता है, और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

3. दिनचर्या में सुधार (Improve Daily Routine):

नियमितता का महत्त्व और आयुर्वेदिक दिनचर्या अपनाने के तरीके:

आयुर्वेद में दिनचर्या का बहुत महत्त्व है। एक अनुशासित और नियमित दिनचर्या इम्युनिटी को बेहतर बनाती है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है।


  • जल्दी उठें: सूर्योदय से पहले उठने से शरीर और मन ताजगी से भर जाते हैं।
  • दिन की शुरुआत गर्म पानी से करें: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है और पाचन को दुरुस्त रखता है।
  • व्यायाम और योग: रोजाना सुबह व्यायाम और योग करने से शरीर ऊर्जावान बना रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
  • संतुलित भोजन और समय पर सोना: समय पर भोजन करना और रात को जल्दी सोना दिनचर्या का अहम हिस्सा होना चाहिए।
  • आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन: नियमित रूप से हल्दी, तुलसी, और अदरक का सेवन दिनचर्या में शामिल करें, ताकि इम्युनिटी बेहतर बनी रहे।

4. प्राकृतिक पेय (Herbal Teas):

तुलसी और अदरक की चाय:

आयुर्वेद में तुलसी और अदरक को इम्युनिटी बढ़ाने वाले मुख्य तत्वों के रूप में देखा जाता है। तुलसी और अदरक से बनी हर्बल चाय शरीर को संक्रमणों से बचाती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।


  • तुलसी की चाय: तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। तुलसी की चाय सर्दी-जुकाम से बचाव करती है और इम्युनिटी को बढ़ाती है। इसके लिए 4-5 तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
  • अदरक की चाय: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। अदरक की चाय बनाने के लिए एक छोटा टुकड़ा अदरक पानी में उबालें और उसमें शहद मिलाएं। इसे रोज सुबह पिएं।

निष्कर्ष (Conclusion) 

Health Tips for Immunity Boost - इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स 

आयुर्वेद के उपायों का नियमित पालन और स्वस्थ जीवनशैली का महत्त्व:

आयुर्वेदिक उपायों का नियमित रूप से पालन करने से न केवल शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है, बल्कि यह संपूर्ण जीवनशैली को भी संतुलित और स्वस्थ बनाए रखता है। तुलसी, आंवला, अश्वगंधा, हल्दी और गिलोय जैसे आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ इम्युनिटी को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने के लिए आदर्श हैं। इन उपायों का लगातार उपयोग शरीर को अंदर से मजबूत करता है, और इसके साथ ही मानसिक और शारीरिक संतुलन भी बनाए रखता है।


इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक टिप्स का समावेश:

आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करके, सही आहार, योग, ध्यान और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने से इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता है। ये उपाय न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि स्वस्थ और दीर्घायु जीवन जीने की नींव भी रखते हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक सुझावों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप न केवल रोगों से सुरक्षित रहेंगे, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकेंगे।


आयुर्वेद का उद्देश्य केवल बीमारी को ठीक करना नहीं है, बल्कि शरीर को रोगमुक्त बनाए रखना है, जिससे इम्युनिटी स्थायी रूप से मजबूत बनी रहती है।


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WellHealth Ayurvedic Health Tips Zandu Triphala in Hindi

 आयुर्वेदिक चिकित्सा प्राचीन समय से ही भारत में स्वस्थ जीवन जीने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। आयुर्वेद में प्राकृतिक तत्वों का WellHealth Ayurvedic Health Tips के अनुसार उपयोग करके शरीर की देखभाल की जाती है, और यह शरीर को बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वस्थ रखने में सहायक होता है। इस आर्टिकल में, हम Zandu Triphala Bowel Wellness के बारे में विस्तार से जानेंगे, जो कि आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण उत्पाद है। Zandu Triphala Bowel Wellness क्या है? Zandu Triphala Bowel Wellness, Zandu कंपनी द्वारा तैयार किया गया एक आयुर्वेदिक उत्पाद है, जो मुख्य रूप से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए बनाया गया है। इसका मुख्य घटक त्रिफला है, जो आंवला, बहेड़ा, और हरड़ के संयोजन से तैयार होता है। त्रिफला आयुर्वेद में एक शक्तिशाली रसायन माना जाता है, जो शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। Zandu Triphala Bowel Wellness के फायदे 1. पाचन में सुधार Zandu Triphala Bowel Wellness पाचन तंत्र के कार्य को सुधारने में सहायक है। यह पेट की सफाई करता है, और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। त्रि...

WellHealth Ayurvedic tips 5 health tips life in Hindi

 स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। जीवन में खुशहाल और स्वस्थ रहने के लिए नियमित देखभाल की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित पांच स्वास्थ्य सुझाव WellHealth Ayurvedic tips के अनुसार आपके जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। इन सुझावों को अपनाकर आप दीर्घकालिक स्वास्थ्य और खुशी प्राप्त कर सकते हैं। 1. संतुलित आहार स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, और कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन शरीर के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है। आपके आहार में फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, दालें, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। फल और सब्जियाँ आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती हैं। इसके अलावा, सही मात्रा में पानी पीना भी आवश्यक है, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। 2. नियमित व्यायाम स्वस्थ जीवन के लिए नियमित व्यायाम आवश्यक है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि आपके दिल, मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। व्यायाम करने से शरीर में...

WellHealth Ayurvedic tips Dabur Triphala Churna in Hindi

 आयुर्वेदिक उपचारों का महत्व और प्राचीन काल से स्वास्थ्य के लिए उनके उपयोग की प्रासंगिकता WellHealth Ayurvedic Health Tips  के अनुसार आज भी कायम है। आधुनिक जीवनशैली में जहाँ तनाव, असंतुलित आहार, और शारीरिक सक्रियता की कमी है, ऐसे में आयुर्वेदिक उपचार एक संजीवनी का कार्य करते हैं। आयुर्वेद के इन चमत्कारी औषधियों में से एक है डाबर त्रिफला चूर्ण। इस लेख में हम डाबर त्रिफला चूर्ण की समीक्षा करेंगे और इसके स्वास्थ्य लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। Ayurvedic Medicine - Dabur Triphala Churna for Indigestion & Constipatio डाबर त्रिफला चूर्ण का परिचय त्रिफला चूर्ण, जैसा कि नाम से पता चलता है, तीन प्रमुख फलों - आंवला, बिभीतक और हरड़ से बना एक आयुर्वेदिक चूर्ण है। त्रिफला का शाब्दिक अर्थ है 'तीन फल', और इन तीन फलों को आयुर्वेदिक चिकित्सा में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। डाबर त्रिफला चूर्ण एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक ब्रांड 'डाबर' द्वारा निर्मित है, जो प्राकृतिक और शुद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। डाबर त्रिफला चूर्ण के स्वास्थ्य लाभ पाचन में सुधार त्रिफला चू...